Monday, January 19, 2009

इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के

हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के पासे सभी उलट गए दुश्मन कि चाल के अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के मंजिल पे आया मुल्क हर बला को टाल के सदियों के बाद फ़िर उड़े बादल गुलाल के हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के देखो कहीं बरबाद न होवे ये बगीचा इसको हृदय के खून से बापू ने है सींचा रक्खा है ये चिराग शहीदों ने बाल के इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के दुनियां के दांव पेंच से रखना न वास्ता मंजिल तुम्हारी दूर है लंबा है रास्ता भटका न दे कोई तुम्हें धोके मे डाल के इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के एटम बमों के जोर पे ऐंठी है ये दुनियां बारूद के इक ढेर पे बैठी है ये दुनियां तुम हर कदम उठाना जरा देखभाल के इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के आराम की तुम भूल भुलय्या में न भूलो सपनों के हिंडोलों मे मगन हो के न झुलो अब वक़्त आ गया मेरे हंसते हुए फूलो उठो छलांग मार के आकाश को छु लो तुम गाड़ दो गगन मे तिरंगा उछाल के इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के

ब्लोग कि कसम .........