Friday, January 23, 2009

वन्दे-मातरम के जो गाने के विरुद्ध हैं। पैदा होने वाली ऐसी नसले अशुद्ध हैं। आबरू वतन की जो आंकते हैं ख़ाक की। कैसे मान लें के वो हैं पीढ़ी अशफाक की। गीता ओ कुरान से न उनको है वास्ता। सत्ता के शिखर का वो गढ़ते हैं रास्ता। हिन्दू धर्म के ना अनुयायी इस्लाम के। बन सके हितैषी वो रहीम के ना राम के। गैरत हुज़ूर कही जाके सो गई है क्या। सत्ता माँ की वंदना से बड़ी हो गई है क्या। देश तज मजहबो के जो वशीभूत हैं। अपराधी हैं वो लोग ओछे हैं कपूत हैं। माथे पे लगा के माँ के चरणों की ख़ाक जी। चढ़ गए हैं फांसियों पे लाखो अशफाक जी। वन्दे-मातरम कुर्बानियो का ज्वार है। वन्दे-मातरम जो ना गए वो गद्दार है। 
I M WHAT I WAS  किसी की आँखों मे मोहब्बत का सितारा होगा एक दिन आएगा कि कोई शक्स हमारा होगा
चले जाते हैं लोग  प्यार का इजहार करके क्यूँ चले जाते हैं लोग । कैसे जी पाते हैं वह हम तो लगा लेते हैं रोग ॥ चांद तारों को मैं जब भी देखता हूं साथ साथ, यार मेरा लगता लौटेगा मिटाकर अब वियोग । कैसे भूलूँ उन पलों को साथ जो हमने बिताए, रब की धरती पर मिला आशीष था कैसा सुयोग, आ गले से लग ही जाओ, चंद सांसे ही बची हैं, दो मुझे जीवन नया, अपना मिटा लो तुम भी सोग । याद तुमको गर नही हम, था जताया प्यार तुमने, जिंदगी में तुम किसी के, अब न करना यह प्रयोग । 
Us nazar ki taraf mat dekho, Jo tumhe Dekhne se Inkar Karti Hai, Duniya ki Bheed mai Us nazar ko Dekho, Jo sirf Tumhara "INTEZAAR" Karti hai  Dosti shayad zindgi hoti hai, Jo har dil mein basi hoti hai, Waise to jee lete hai sabhi akele magar, Phir bhi zarurat inki har kisi ko hoti hai..!! Tanha ho kabhi to mujko dhundna, duniya se nahi apne dil se poochna, Aas pas hi kahi base rahte hai hum, yaado se nahi saath guzare lamho se puchna..!!  Saath rehte rehte yuhi waqt guzar jayega, Door hone ke baad kaun kisse yaad aayega, Jee lo ye pal jab hum saath hain, kal ka kya pata, waqt kahan le jayega..... 

ब्लोग कि कसम .........