निरीक्षण
परिषद यह सुनिश्चित करती है कि देशभर में स्थित इसके मान्यताप्राप्त प्रशिक्षण संस्थान स्थापित मानकों का पालन करें और इस उद्देश्य के लिए परिषद निम्नलिखित नीतियों को अपनाते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम की गुणवत्ता की मॉनीटरी करती है ।
क. संस्थान का निरीक्षण
- मान्यता को बढ.ाने के लिए संस्थान की व्यवहार्यता का निर्धारण विजिटिग विशेषज्ञों की टीम द्वारा किया जाता है जिन्हें संबंधित विकलांगता क्षेत्र से नामित किया जाता है ।
- परिषद द्वारा अनुमोदित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को करने के इच्छुक संस्थानों का आकलन भी इस बात से किया जाता है कि प्रस्तावित प्रशिक्षण कार्यक्रम करने में संस्थान की विशेष शिक्षा और पुनर्वास के क्षेत्र में कितनी संभावना है ।
ख. आकस्मिक निरीक्षण और मध्यावधिक रिपोर्ट
- परिषद नियमित रुप से अनुमोदित प्रशिक्षण कार्यक्रम की गुणवत्ता को मॉनीटर करने के लिए आकस्मिक निरीक्षण करती है और पाई गई त्रुटियों को ठीक करती है, जिसके बारे में परिषद को भी अवगत कराया जाता है ।
- मान्यताप्राप्त संस्थानों से यह अपेक्षित है कि वे अनुमोदित प्रशिक्षण के संचालन से संबंधित अपनी मध्यावधिक रिपोर्ट प्रस्तुत करें । रिपोर्ट में विषयों कोर और अतिथि संकाय के बारे में, भर्त्ती हुए छात्रों और अन्य अवसंरचनात्मक सुविधाओं की विस्तृत सूचना होती है जो भारतीय पुनर्वास परिषद द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार अपेक्षित है ।
अधिकार और रियायतें
- निःशक्तता अधिनियम, 1995 के अधीन विकलांग व्यक्तियों के अधिकार ।
- राष्ट्रीय न्यास अधिनियम, 1999 के अधीन विकलांग व्यक्तियों के अधिकार ।
- भारतीय पुनर्वास परिषद अधिनियम, 1992 के विकलांग व्यक्तियों के अधिकार ।
- मानसिक रुप से ग्रस्त विकलांग व्यक्तियों के अधिकार ।
- यात्रा (विकलांग व्यक्तियों के लिए यात्रा-रियायत)
- वाहन भत्ता
- आयकरमेंछूट
- विकलांगव्यक्तियोंके लिएनौकरियोंमेंआरक्षणऔरअन्यसुविधाएं
- विकलांग व्यक्तियों के लिए वित्तीय सहायता
- विकलांग व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए केंद्रीय सरकार की स्कीम