आयकर रियायत
विकलांग व्यक्तियों के लिए राहत
- 80 डीडी (विकलांग व्यक्तियों के चिकित्सा उपचार आदि के संबंध में कटौती) जहां करदाता, जो भारत का निवासी है और जो हिन्दू अविभाजित परिवार का सदस्य है, ने गत वर्ष के दौरान उस व्यक्ति के नर्सिग सहित चिकित्सा उपचार, प्रशिक्षण और पुनर्वास संबंधी व्यय शामिल किया है जोः क. व्यक्ति का संबंधी है अथवा, जैसी भी स्थिति हो, हिन्दू अविभाजित परिवार का सदस्य है और अपनी सहायता या देखभाल के लिए ऐसे व्यक्ति अथवा हिन्दू गैर व्यक्ति अथवा हिन्दू अविभाजित परिवार के अतिरिक्त किसी व्यक्ति पर आश्रित नहीं है, अथवा ख. बोर्ड द्वारा इस संबंध में बनाए गए नियमों में विनिर्दिष्ट स्थायी शारीरिक विकलांगता अथवा मानसिक मंदता के कारण (दृष्टिहीनता सहित) स्थायी शारीरिक विकलांगता अथवा मानसिक मंदता से पीड़त है, जो राजकीय अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक, शल्यचिकित्सक, नेत्रविशेषज्ञ अथवा मनोवैज्ञानिक, जैसी भी स्थिति हो, द्वारा अधिप्रमाणित है, और जिसका सामान्य कार्य अथवा लाभप्रद रोजगार में लगने अथवा व्यवसाय के लिए ऐसे व्यक्ति की क्षमता कम करने पर पर्याप्त रुप से प्रभाव डालता है । इस खंड के अनुसार और इसके अधीन, करदाता को पिछले वर्ष के लिए केवल पन्द्रह हजार रुपए (15000/- रुपए) के राशि की कटौती की अनुमती होगी । ्पष्टीकरणः इस खंड के प्रयोजन के लिए, “राजकीय अस्पताल “ में सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों के सदस्यों के वर्ग या वर्गों की चिकित्सा देखभाल और उपचार के लिए सरकारी विभाग द्वारा पूर्णकालिक अथवा अंशकालिक स्थापित और संचालित विभागीय औषधालय, स्थानीय प्राधिकारी द्वारा संचालित अस्पताल तथा अन्य अस्पताल जहां सरकारी कर्मचारियों के उपचार के लिए सरकार द्वारा व्यवस्था की गई है ।
- 80 डीडीए (विकलांग आश्रित के निर्वाह के लिए की गई जमा संबंधी कटौती): करदाता जो भारत का निवासी है और जो व्यक्ति या हिन्दू अविभाजित परिवार का व्यक्ति है, की कुल आय की गणना करने में, इस खंड के प्रावधानों के अनुसार और अध्यधीन, उप-धारा (2) में विनिर्दिष्ट शर्तों और इस संबंध में बोर्ड द्वारा अनुमोदन के अध्यधीन भारतीय जीवन बीमा निगम या भारतीय यूनिट ट्रस्ट द्वारा इस संबंध में तैयार योजना के तहत अपनी कर योग्य आय में से पिछले वर्ष में भुगतान या जमा की गई अधिकतम बीस हजार रुपए (20,000/- रुपए) की राशि की कटौती होगी । उप खंड (94) के तहत कटौती की अनुमती होगी यदि निम्नलिखित शर्तें पूरी की जाएं, यथाः (क) उपधारा (1) में संदर्भित योजना में व्यक्ति अथवा हिन्दू अविभाजित परिवार के सदस्य जिसके नाम योजना का अंशदान किया गया है, की मृत्यु की स्थिति में विकलांग आश्रित के लाभ के लिए वार्षिकी अथवा एकमुश्त राशि का प्रावधान था । (ख) करदाता अपनी ओर से भुगतान अथवा विकलांग आश्रित का लाभ प्राप्त करने के लिए किसी विकलांग आश्रित अथवा कोई अन्य व्यक्ति अथवा न्यास को नामित कर सकता है । यदि विकलांग आश्रित की उपधारा (2) में संदर्भित व्यक्ति या हिन्दू अविभाजित परिवार के सदस्य से पहले मृत्यु हो जाती है तो उपधारा (1) के तहत भुगतान अथवा जमा की गई राशि के समान राशि करदाता की गत वर्ष की आय मानी जाएगी जिसमें यह राशि करदाता द्वारा प्राप्त की जाती है तथा तदनुसार उस पिछले वर्ष की आय के रुप में करयोग्य होगी । इस खंड में - (क) “राजकीय अस्पताल “ का आशय खंड 80 डीडी में स्पष्टीकरण में दिए गए आशय के जैसा होगा । (ख) “विकलांग आश्रित “ से अभिप्राय उस व्यक्ति से है जो - 1. व्यक्ति का संबंधी है अथवा, जैसा भी मामला हो, हिन्दू अविभाजित परिवार का सदस्य है और अपनी सहायता अथवा निर्वाह के लिए ऐसे व्यक्ति या हिन्दू अविभाजित परिवार के अतिरिक्त किसी व्यक्ति पर आश्रित नहीं है; और स्थायी शारीरिक विकलांगता (दृष्टिहीनता सहित) अथवा मानसिक मंदता से पीड़त है, जो स्थायी शारीरिक विकलांगता हो अथवा धारा 80 डीडी के प्रयोजन के लिए बोर्ड द्वारा बनाए गए नियमों में विनिर्दिष्ट मानसिक मंदता से पीड़त है, जिसे राजकीय अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक, शल्य चिकित्सक, नेत्र विशेषज्ञ अथवा मनावैज्ञानिक जैसा भी मामला हो, द्वारा प्रमाणित हो तथा जिसका सामान्य कार्य अथवा लाभप्रद रोजगार प्राप्त करने अथवा व्यवसाय में इन व्यक्तियों की क्षमता को काफी प्रभावित करता है । (ग) “जीवन बीमा निगम “ का वही आशय होगा जैसा कि खंड 88 के उपखंड (8) की धारा (3) में उल्लिखित है; (घ) “भारतीय यूनिट ट्रस्ट “ का अर्थ भारतीय यूनिट ट्रस्ट अधिनियम, 1963 (1963 का 52) के तहत स्थापित भारतीय यूनिट ट्रस्ट से है ।
- 80 डीडीबी (चिकित्सा, उपचार आदि संबंधी कटौती): जहां करदाता जो भारत का निवासी है, ने पिछले वर्ष के दौरान ऐसे रोग अथवा बीमारी के उपचार के लिए व्यय किया है, जैसा कि बोर्ड द्वारा इस संबंध में बनाए गए नियमों में विनिर्दिष्ट किया हो, (क) अपने लिए अथवा आश्रित संबंधी के लिए यदि करदाता एक व्यक्ति है अथवा (ख) हिन्दू अविभाजित परिवार के किसी सदस्य के लिए यदि हिन्दू अविभाजित परिवार है, करदाता को उक्त पिछले वर्ष के लिए पन्द्रह हजार रुपए केवल (15,000/- रुपए) की कटौती की अनुमति दी जाएगी जिसमें यह व्यय किया गयाः बशर्ते ऐसी किसी कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी यदि करदाता ऐसे 66 ख फार्म में तथा ऐसे प्राधिकारी से प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं करता है जैसा कि निर्धारित हो । 66 क. स्पष्टीकरण - इस खंड के प्रयोजन के लिए “आश्रित “ का अर्थ उस व्यक्ति से है जो करदाता के अतिरिक्त किसी व्यक्ति पर अपनी सहायता या निर्वाह के लिए आश्रित नहीं है ।
- 80 यू (स्थायी विकलांगता (दृष्टिहीनता सहित) संबंधी कटौती): भारत का निवासी, किसी व्यक्ति की कुल आय की गणना करने में, जो गत वर्ष के अन्त में, बोर्ड द्वारा इस संबंध में बनाए गए नियमों में विनिर्दिष्ट स्थायी शारीरिक विकलांगता अथवा मानसिक मंदता से पीड़त है, जो राजकीय अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक, शल्य चिकित्सक, नेत्र विशेषज्ञ अथवा मनोवैज्ञानिक, जैसी भी स्थिति हो, द्वारा अधिप्रमाणित है, और जिसका सामान्य कार्य अथवा लाभप्रद रोजगार में लगने अथवा व्यवसाय के लिए ऐसे व्यक्ति की क्षमता कम करने पर काफी प्रभाव डालता है, उन्हें चालीस हजार रुपए (40,000/- रुपए) की कटौती की अनुमति होगी । बशर्ते ऐसा व्यक्ति प्रथम मूल्यांकन वर्ष के संबंध में मूल्यांकन अधिकारी के समक्ष उक्त प्रमाणपत्र प्रस्तुत करता है जिसके लिए वह इस धारा के तहत कटौती का दावा करता हैः इसके अतिरिक्त, बशर्ते सरकारी अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक, शल्य चिकित्सक, नेत्र विशेषज्ञ अथवा मनोवैज्ञानिक, जैसा भी मामला हो, से उक्त प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता उस व्यक्ति पर लागू नहीं होगी जिसके पास इस खंड के प्रावधानों के तहत मूल्यांकन अधिकारी के समक्ष प्रमाणपत्र हो जैसा कि वे 1 अप्रैल, 1992 के तत्काल पहले थे । स्पष्टीकरणः इस खंड के प्रयोजन के लिए, “राजकीय अस्पताल “ शब्द का खंड 80 डीडी के स्पष्टीकरण में दिए गए आशय से होगा ।
- 88 बी (65 वर्ष और उससे अधिक के व्यक्तियों के मामले में आयकर में छूट) करदाता, जो भारत का निवासी व्यक्ति हो, जो पिछले वर्ष के दौरान किसी भी समय 65 वर्ष और उससे अधिक का हो और जिसकी समग्र रुप से कुल आय एक लाख बीस हजार रुपए से अधिक नहीं हो, ऐसे आयकर के 40 प्रतिशत की समान राशि की अपनी कुल आय, जो किसी मूल्यांकन वर्ष के लिए करयोग्य हैं, की आयकर की राशि (जैसा कि इस अध्याय के तहत कटौती की अनुमति के पहले गणना की गई है) से कटौती के हकदार होंगे । निम्नलिखित खंड 88 बी को 1.4.1998 से वित्त अधिनियम, 1997 द्वारा वर्तमान धारा 88 बी के स्थान पर प्रतिस्थापित किया जाएगा;
- 88 बी (65 वर्ष और अधिक के व्यक्तियों के मामले में आयकर छूट) करदाता, जो भारत का निवासी व्यक्ति हो, जो पिछले वर्ष के दौरान किसी भी समय 65 वर्ष और उससे अधिक का हो, ऐसे आयकर के शतप्रतिशत की समान राशि अथवा दस हजार रुपए केवल (10,000/- रुपए) की राशि, जो भी कम हो, की अपनी कुल आय जो किसी मूल्यांकन वर्ष के लिए करयोग्य है, की आयकर की राशि (जैसा कि इस अध्याय के तहत कटौती की अनुमति के पहले गणना की गई है) से कटौती के हकदार होंगे ।